*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)
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आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं
1)
जब आऍं तो पता चले यह, भारत की पहचान हैं
वर्ष सहस्त्रों से भारत की, संस्कृति का सम्मान हैं
भारत में अवतरित हुए क्यों, युग-गाथा बतलाऍं
2)
उत्तर से दक्षिण तक भारत, तुमने एक पिरोया
राजपाट को छोड़ वनों में, यौवन अपना खोया
जीती तुमने लंका उसका, परम पराक्रम गाऍं
3)
रामराज्य जो चला देश में, वह सुखमयी विधान था
देह और मन का हर संकट, पाता जहॉं निदान था
दुष्टों का संहार जगत में, सज्जनता फिर लाऍं
4)
बने रामधुन भारत की धुन, रामचरित का स्वर हो
उच्चारण कर राम-नाम का, शुभ शुचिता हर घर हो
वसुधा एक कुटुंब मित्रता, जग-भर में फैलाऍं
आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451