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2 Apr 2020 · 1 min read

आई हूँ तार छेड़ने

आई हूँ तार छेड़ने

मैं हवा हूँ
फिर आ गई
आपके
मन के
तार छेड़ने
झंकृत करने
आपके
तन-मन को

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 187 Views
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