आई दिवाली आई !!
जगमग जगमग दीप जलाओ ,
घर के अंधेरों को दूर भगाओ ।
आई दिवाली आई ..
दुश्मन और दोस्त एक हो जाओ,
भूल कर सब बैर गले मिल जाओ।
आई दिवाली आई ..
इन्हीं दीयों से मन का अंधेरा भगाओ ,
ज्ञान और प्रेम की दिव्य रोशनी फैलाओ।
आई दिवाली आई …
तोहफे और मिठाइयों का आदान प्रदान ,
बढ़ता है इससे प्रेम और सौहाद्र का मान,
आई दिवाली आई …
दिवाली बेशक मनाओ धूम धाम से,
मगर न करो खिलवाड़ पर्यावरण से ,
आई दिवाली आई ..
अपनी आतिशबाजियों पर लगाम रहे,
जहरीले धुएं से वातावरण न विषाक्त रहे।
आई दिवाली आई …
ये विषाक्त धुएं जानलेवा होते हैं ,
पटाखों की आवाजों से बहरे हो जाते है ।
अपना और अपने बेजुबान साथियों की ,
सेहद और जीवन का खयाल करो ।
यह दिवाली किसी के लिए गम नही ,
ना कोई परेशानी और कष्ट देने के लिए नहीं ।
यह दिवाली तो खुशियां बांटने आती है सदा ,
अब फिर से खुशियां बांटने ही यह आई ।
आई दिवाली आई ..