Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2022 · 1 min read

आईना

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सुन तो यहाँ हर कोई लेता है पर समझने वाला पूरे जीवन में एक भी मिल जाये तो आपसे बड़ा दौलतमंद और खुशनसीब कोई नहीं …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान की नफरत की इन्तहा उसकी मोहब्बत की गहराई बता देती है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मेरे अंदर धैर्य है -कहने और होने में जमीन आसमान का फ़र्क़ है ..और इसी धैर्य का ना होना आपको असफलता का आईना दिखाता है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की यहाँ पराये हो या अपने सब आपके समय को अहमियत देते हैं ना की आपको ,समय आपके पक्ष का हो तो आपको राजा की तरह सलामी मिलेगी और समय खफा होकर विपक्ष में हो गया तो भिखारी से भी बदतर जिल्लत ..क्या खूब कहा गया है की …आदमी को चाहिए वक़्त से डर कर चले -कौन जाने किस घड़ी वक़्त का बदले मिजाज …!

Affirmations:-

31.मैं सही जगह पर हूं…
32.प्रत्येक चीज, जिसकी मुझे आवश्यकता होती है वह सही समय, सही स्थान और सही क्रम में मिल जाती है….
33.मैं हमेशा सुरक्षित हूं…
34.मै अपने रोजगार से खुश हूँ…
35.मैं स्वस्थ हूँ और शक्ति से भरपूर हूँ…

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
स्वरचित एवं स्वमौलिक
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

Language: Hindi
134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहले तेरे हाथों पर
पहले तेरे हाथों पर
The_dk_poetry
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
Ravi Prakash
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
Vijay kumar Pandey
मैं अपना गाँव छोड़कर शहर आया हूँ
मैं अपना गाँव छोड़कर शहर आया हूँ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2480.पूर्णिका
2480.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
Dr Manju Saini
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
*बाल गीत (मेरा मन)*
*बाल गीत (मेरा मन)*
Rituraj shivem verma
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
Dr Tabassum Jahan
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
जो कुछ भी है आज है,
जो कुछ भी है आज है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हमारी दोस्ती अजीब सी है
हमारी दोस्ती अजीब सी है
Keshav kishor Kumar
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
मैं हु दीवाना तेरा
मैं हु दीवाना तेरा
Basant Bhagawan Roy
होने नहीं दूंगा साथी
होने नहीं दूंगा साथी
gurudeenverma198
तुम ख्वाब हो।
तुम ख्वाब हो।
Taj Mohammad
ज़िंदगी मो'तबर
ज़िंदगी मो'तबर
Dr fauzia Naseem shad
*लज्जा*
*लज्जा*
sudhir kumar
*गर्मी पर दोहा*
*गर्मी पर दोहा*
Dushyant Kumar
मुदा एहि
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
DrLakshman Jha Parimal
मेघ, वर्षा और हरियाली
मेघ, वर्षा और हरियाली
Ritu Asooja
मुक्ति
मुक्ति
Amrita Shukla
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
"" *गणतंत्र दिवस* "" ( *26 जनवरी* )
सुनीलानंद महंत
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
Loading...