Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2020 · 1 min read

आईना

कहता है
बहुत कुछ आईना
शक़्ल ही नहीं
नियत भी
दिखाता है
आईना

दिखाते है
पाक-साफ
अपने को
कसते हैं
क़सीदे दूसरों पर
है
यही विडम्बना
आईने की
दिखाता है सच
कहता है सच
ये आईना

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
लड्डू बद्री के ब्याह का
लड्डू बद्री के ब्याह का
Kanchan Khanna
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Sukoon
भारती-विश्व-भारती
भारती-विश्व-भारती
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
2957.*पूर्णिका*
2957.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
dream of change in society
dream of change in society
Desert fellow Rakesh
आदमी हैं जी
आदमी हैं जी
Neeraj Agarwal
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
Jyoti Khari
सामाजिकता
सामाजिकता
Punam Pande
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम्हें आसमान मुबारक
तुम्हें आसमान मुबारक
Shekhar Chandra Mitra
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
उम्र ए हासिल
उम्र ए हासिल
Dr fauzia Naseem shad
बलिदान
बलिदान
Shyam Sundar Subramanian
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
यह तो हम है जो कि, तारीफ तुम्हारी करते हैं
यह तो हम है जो कि, तारीफ तुम्हारी करते हैं
gurudeenverma198
हर कदम प्यासा रहा...,
हर कदम प्यासा रहा...,
Priya princess panwar
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
साधु की दो बातें
साधु की दो बातें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
मेरी अधिकांश पोस्ट
मेरी अधिकांश पोस्ट
*Author प्रणय प्रभात*
आज फिर किसी की बातों ने बहकाया है मुझे,
आज फिर किसी की बातों ने बहकाया है मुझे,
Vishal babu (vishu)
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
Anis Shah
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...