आईना हूं सब सच ही बताऊंगा।
आईना हूं सब सच ही बताऊंगा।
जो जैसा है उसे बस वैसा दिखाऊंगा।।1।।
तुम लाख ओढ़ लो चादरे झूठ की।
आईना हूं तुम्हारे झूठ में ना आऊंगा।।2।।
वैसे दोस्ती दुष्मनी मैं ना करता हूं।
ना तोड़ना मुझे हाथ में लग जाऊंगा।।3।।
जैसे चाहे वैसे देखना तुम खुदको।
मैं तेरे हर रूपको सचसे मिलाऊंगा।।4।।
जितने चाहे उतने टुकड़े करदो मेरे।
मैं हर टुकड़े में तुम्हें सत्य बताऊंगा।।5।।
आने ना देना आफताब ए रोशनी में।
इससे मिलके मैं खुदमें जल जाऊंगा।।6।।
रखना मुझे बडा संभाल कर घर में।
गर टूटा तो अपशगुन लेकर आऊंगा।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ