आईए-आईए आप हमारे साथ आ जाइए !
आइए-आइए अब की आप हमारे साथ आइए
अपने हक के लिए मिल कर आवाज़ तो लगाइए,
उस तरफ़ नही, ज़रा इस तरफ़ तो आइए,
मेरे साथ मिल कर सरकार की चूल को हिलाइए,
उस तरफ तो है होड़ देश बेच-देशभक्त बनने की
इस तरफ़ आके भगत-अशफ़ाक़ ही बन जाईए,
आईए-आईए देश को बचाना है तो –
और कुछ नही तो देशद्रोही ही बन जाइए,
रोजी-रोटी और बेटी के लिए भी तन जाइए,
चीख़ कर सत्ता की दीवार को जरा हिलाइए,
इज्ज़त और मान के लिए भी तो गरमाइए,
आईए-आईए आप हमारे साथ आ जाइए !
{ सिद्धार्थ }