आंख हो बंद तो वो अपना है – संदीप ठाकुर
आंख हो बंद तो वो अपना है
आंख खुल जाए तो वो सपना है
वो मिले या नहीं मिले हमको
उम्र भर उसका नाम जपना है
संदीप ठाकुर
आंख हो बंद तो वो अपना है
आंख खुल जाए तो वो सपना है
वो मिले या नहीं मिले हमको
उम्र भर उसका नाम जपना है
संदीप ठाकुर