आंखों में
नाम हम ने लिखा था आंखों में
तेरा ही इक चेहरा था आंखों में।
बात दिल की हम कभी कह न पाये
अधूरा सा सपना था , आंखों में
परेशां हम है तुमसे बात करने को
जलता सा आसमां था,आंखों में
इश्क की बातें तुम अब न करो।
अंधेरा ही अंधेरा था , आंखों में
हाथ तुमने जो थामा ,मेरा दिलबर
हुआ फिर सवेरा आंखों में।
सुरिंदर कौर