आँसू
आंसुओं के भी कितने रंग होते हैं
बच्चा रोता है खिलौने के लिए
लड़की रोती है आज़ादी न मिलने पर
लड़का रोता है नौकरी न मिलने पर
पत्नी के आंसू
मांगते हैं सम्मान
और पति ?
चलो, छोड़ो , उसकी बात
वह रो नहीं सकता
फिर क्यों सोचें उसकी उदासी का सबब ?
पर , कभी कभी
वयस्क रोता है
क्योंकि
वह सौंदर्य झेल नहीं पाता
उसके आंसुओं में
ईश्वर बसता है
बरसने के बाद
वह हल्का , शांत हो जाता है ।
शशि महाजन – लेखिका