आँचल की मर्यादा🙏
आँचल की मर्यादा
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अति सिर चढ़ा खोता हृदय है
बेराग रागिनी जीता जीवन है
निज पराये अपनापन खोता
यातनाओं को स्वयं बुलाता है
कलंकित होती आँचल ममता
मिट खानदानी यादों की नारी
मर्यादित जीवन जीती है नारी
प्रेरणा सत्कार संस्कार की मान
देवी पूजते जगत संसार में नारी
लहर तरंगित आँचल की मर्यादा
मैली ना करना इसे कभी ज़रा
आँचल पलते नव जीवन धारा
छाँह आँचल की बचा रखना है
नारी आँचल है ममता की छाँह
भारत माता अभिमान है आँचल
प्रकृति माँ का वरदान है आँचल
सृष्टि जीवन अमृत धार छिपा है
फलता फूलता नव संसार छिपा
हँसता जीवन जननी का मान
माँ भारती का जान है आँचल
पूरखों का वंसज है सुरक्षित
गर्व दर्प का प्रतीक है आँचल
संभाल रख गरिमामयीआँचल
जान भी कम है इस आँचल से
लाज आँचल की बचा रखना है
मर्यादित आँचल सजा रखना है
हे ! धरणीधर की जननी माता
प्राणों का नव आंगन है आँचल
मैला ना होने देना देवी आँचल
भू जगत का शान है आँचल
तिरंगे का अभिमान है आँचल
नित नित शीश झुकाते रहना
आँचल का मान बढ़ाते रहना।
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तारकेशवर प्रसाद तरुण