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2 Oct 2024 · 1 min read

आँखों में कुछ नमी है

आँखों में कुछ नमी है
आसमान भी गमगीन है
मायूसी कहीं, कहीं बेज़ारी है
गम का मंजर कितना हसीन है

चित्रा बिष्ट

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