Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2023 · 1 min read

आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।

आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।
बोध पर पर्दा पड़ा है द्वार सारे बंद है।
किस तरफ किसी ओर जाएँ, कौन सोचे क्यों भला~
लोभ के वश में हुए सब, ज्ञान की गति मन्द है।।

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

1 Like · 600 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

■ जैसी करनी, वैसी भरनी।।
■ जैसी करनी, वैसी भरनी।।
*प्रणय*
3195.*पूर्णिका*
3195.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Dafabet - Link vào Dafabet đăng nhập không chặn tại dafavip asia
Dafabet - Link vào Dafabet đăng nhập không chặn tại dafavip asia
Dafavipbiz
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
Shashi kala vyas
भूल सकते थे आपको हम भी ,
भूल सकते थे आपको हम भी ,
Dr fauzia Naseem shad
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
Madhuyanka Raj
प्रेरणादायक कविता :
प्रेरणादायक कविता :
पूर्वार्थ
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
मनोज कर्ण
माँ
माँ
Rituraj shivem verma
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
bharat gehlot
मेरी जिंदगी की दास्ताँ ।
मेरी जिंदगी की दास्ताँ ।
manorath maharaj
मन काशी में रम जाएगा जब काशी तन ये जाएगा
मन काशी में रम जाएगा जब काशी तन ये जाएगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उसको उसके घर उतारूंगा
उसको उसके घर उतारूंगा
कवि दीपक बवेजा
शुरुआत में खामोशी समझने वाले लोग
शुरुआत में खामोशी समझने वाले लोग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
gurudeenverma198
पर्व दशहरा आ गया
पर्व दशहरा आ गया
Dr Archana Gupta
***आकाश नीला है***
***आकाश नीला है***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घरवार लुटा है मेरा
घरवार लुटा है मेरा
Kumar lalit
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
Rj Anand Prajapati
जिंदगी से थकान
जिंदगी से थकान
ओनिका सेतिया 'अनु '
लघुकथा - घर का उजाला
लघुकथा - घर का उजाला
अशोक कुमार ढोरिया
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
कलयुग केवल नाम
कलयुग केवल नाम
Sukeshini Budhawne
है कोई तेवरी वाला जो...
है कोई तेवरी वाला जो...
कवि रमेशराज
Loading...