आँखों के आँँसू
आँखों के आसूँ होते हैं हीरे अनमोल मोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती
सगा संबंधी मित्र प्यारा या हो नाती भाती
सहपाठी सहकर्मी या हो अपना निजवासी
प्राण पखेरु हो जावे जब हैं परलोक सिधारे
बहते हैं आँखों से आँसू जब हो ऐसी बाती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती
आँखों का तारा हो, हो दिल को बड़ा प्यारा
आँखों से ओझल हो जाए वो दुलारा प्यारा
याद उसकी का झोंका दिल को जब तड़फाए
पलक झपकते ही आ जाते आँखों में मोती
सुख दुख के साथी होतें हैं बहते अश्रु मोती
जाल मे फंसा पंरिदा बेबस हो फड़फड़ाता
पागल दिल प्रेम जाल में ऐसे ही फंस जाता
प्रेम विरह वियोग में जब जब है याद सताती
अश्रुधारा झरनों सी बहती जैसे नदी प्यासी
सुख दुख के साथी होतें हैं बहते अश्रु मोती
बिन मांगें जब मिल जाता हैं धन माया खजाना
सपना पूर्ण हो या मिल जाए भुला बिसरा दीवाना
सुख मौज में जब आते हैं कहलाते खुशी के आँसू
हँसते खुशी मनाते हुए आँखों से झलके अश्रुमोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती
कई बार तो ये आँसू भी स्वार्थी हैं बन जाते
पत्नी की आँखों के आँसू बड़ी माँगें मनवाते
बच्चों की आँखों बन आँसू जिद्दें पूर्ण करवाते
अमूल्य भावुक संवेदित होतें हैं नयन अश्रुमोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती
आँखों के आँसू होते हैं हीरे अनमोल मोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती
सुखविंद्र सिंह मनसीरत