“आँखें”
“आँखें”
ये बारिश वो समन्दर
सब नाकाम सा लगते,
अपनों की याद में
वक्त-बेवक्त बरसती आँखें।
चखकर देखी दुनिया की
शराब की बोतलें,
मगर नशे की महारानी सी
लगती है आँखें।
“आँखें”
ये बारिश वो समन्दर
सब नाकाम सा लगते,
अपनों की याद में
वक्त-बेवक्त बरसती आँखें।
चखकर देखी दुनिया की
शराब की बोतलें,
मगर नशे की महारानी सी
लगती है आँखें।