Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2020 · 1 min read

आँखें हमारी थीं

आँखें हमारी थीं,
सपने तुम्हारे थे।
कैसे तुमको बतलायें,
तुम हमको कितने प्यारे थे।
हुआ तुमसे इश्क,
यह खुशकिस्मती हमारी थी।
नहीं हुआ वस्ल,
बदकिस्मती यह भारी थी।
आँखों में अरमां सँजोये,
कटते तनहा दिन हमारे थे।
द्वारे पै तुम्हारे एक दिन,
देखा जलता दिया।
समझा मैंने तुमने इशारा,
रात में मिलने का किया।
न आईं तुम इन्तजार करते,
थक गये नयन हमारे थे।
अपने दिल की दासतां,
सबको सुनाता रहा।
तुम्हारी बेबफाई लोगों को-
बताता रहा।
हो जाता था अंदाज़े बयाँ तल्ख़,
याद आते जब सितम तुम्हारे थे।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
5 Likes · 7 Comments · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
कृतज्ञता
कृतज्ञता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संवेदना (वृद्धावस्था)
संवेदना (वृद्धावस्था)
नवीन जोशी 'नवल'
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
माता सिद्धि-प्रदायिनी ,लिए सौम्य मुस्कान
माता सिद्धि-प्रदायिनी ,लिए सौम्य मुस्कान
Ravi Prakash
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
पूर्वार्थ
एक नज़्म - बे - क़ायदा
एक नज़्म - बे - क़ायदा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नमन माँ गंग !पावन
नमन माँ गंग !पावन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
चंद तारे
चंद तारे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राजयोग आलस्य का,
राजयोग आलस्य का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
ऐ ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी।
Taj Mohammad
"वो"
Dr. Kishan tandon kranti
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
■ बहुत हुई घिसी-पिटी दुआएं। कुछ नया भी बोलो ताकि प्रभु को भी
■ बहुत हुई घिसी-पिटी दुआएं। कुछ नया भी बोलो ताकि प्रभु को भी
*प्रणय प्रभात*
पर्वत और गिलहरी...
पर्वत और गिलहरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिंदी - दिवस
हिंदी - दिवस
Ramswaroop Dinkar
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तन्हाई को तोड़ कर,
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
तुमसे मैं प्यार करता हूँ
तुमसे मैं प्यार करता हूँ
gurudeenverma198
देश और जनता~
देश और जनता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
चुनाव आनेवाला है
चुनाव आनेवाला है
Sanjay ' शून्य'
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
Loading...