आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
तो बताओ मुझको ऐ यार
फिर क्यों रोयें लोग यहाँ,
क्यों आँखें भर आयें बारम्बार
–महावीर उत्तरांचली
आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
तो बताओ मुझको ऐ यार
फिर क्यों रोयें लोग यहाँ,
क्यों आँखें भर आयें बारम्बार
–महावीर उत्तरांचली