अ मेरी दिवानगी कभी तो छोड़ पीछा मेरा..
अ मेरी दिवानगी कभी तो छोड़ पीछा मेरा,
वो तो पागल है, जो तेरी याद में रहता है.
तेरा नाम भी ले उसके नाम से अलग कोई,
वो तो पागल है, जाने क्यों आग में रहता है,
तूने कभी देखा नहीं तू उसकी नज़रो में है,
वो तो पागल है, तू कितने आराम से कहता है,
अ मेरी दिवानगी कभी तो छोड़ पीछा मेरा।
दिल में उतर गया है, क्यों है फिर गुमनाम सा,
वो तो पागल है, तेरे हर काम में रहता है,
तुम्हे ही चाहता रहा हमेशा, क्यों है ऐसा आज भी,
ज़िंदगी बड़ी तनहा है, वो इस इल्ज़ाम में रहता है,
अ मेरी दिवानगी कभी तो छोड़ पीछा मेरा।
मिल जाएगी उसको तू क्यों उसको ऐसा धोखा है,
वो तो पागल है, क्या तुमको भी उसपर भरोसा है,
अ मेरी दिवानगी कभी तो छोड़ पीछा मेरा।