Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2021 · 2 min read

अहोई आठे की कथा (कविता)

अहोई आठे की कथा
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
आज अहोई आठे की हम तुमको कथा सुनाएँ
इस दिन संतानों की खातिर व्रत रखती माताएँ
(2)
दिन-भर भूखी रहती हैं भोजन का कौर न खातीं
त्याग बसा इनके जीवन में ,इस में ही सुख पातीं
(3)
जब हो जाती रात गगन तारों से शोभा पाता
तब तारों को देख मुदित माता का मन हो जाता
(4)
जैसे तारे आसमान में झिलमिल-झिलमिल करते
वैसे ही घर के आँगन में खुशियाँ बच्चे भरते
(5)
मिली पूर्णता नारी को जब माँ का दर्जा पाया
शुभ विवाह उपरांत गोद में बच्चा सुंदर आया
(6)
यह माँ का ही बल है ,बच्चे संस्कार हैं पाते
जो-जो गुण माताओं में, वह बच्चों में आ जाते
(7)
जैसी रुचियाँ हैं स्वभाव हैं, माता के सब आते
इन्हें गर्भ से ही बच्चे, अपने जीवन में पाते
(8)
अपने से ज्यादा लगाव, माँ को बच्चों से होता
माँ प्रसन्न होती जब बच्चा दिखता सुख से सोता
(9)
इन तारों को देखो कितना ऊँचा उठ कर आए
चाह रही माँ बच्चा उसका उच्च श्रेष्ठता पाए
(10)
अपने लिए बचाकर माँ ने कभी न रखना सीखा
उसका जीवन बच्चों पर सर्वस्व लुटाते दीखा
(11)
क्या यह किसी एक माँ की ही गाथा हैं हम गाते
क्या यह किसी एक बच्चे की हैं हम कथा सुनाते
(12)
इसमें छवि अपनी-अपनी माँ की पाते हैं सारे
सब माताओं के बच्चे उनकी आँखों के तारे
(13)
मॉं ने सुगढ़ हाथ से अपना बच्चा स्वयं तराशा
कभी प्यार से कभी डाँट से भर दी जीवन-आशा
(14)
जिस घर में माँ त्यागशील है, बच्चे सुगढ़ कहाते
देवलोक के दिव्य देवता, नित्य वहाँ हैं आते
(15)
जग में धन से सब मिलता है किंतु नहीं माँ पाते
जहाँ न होती माँ बच्चे सब बिखर-बिखर हैं जाते
(16)
भाग्यवान वह जिनको माँ का शुभ उपहार मिला है
जिनके मुख को देख-देख मुख माँ का कमल खिला है
(17)
कथा अहोई आठे की इस तरह पूर्णता पाती
यह बच्चों के लिए समर्पित माँ की महिमा गाती
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 1 Comment · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
परछाइयों के शहर में
परछाइयों के शहर में
Surinder blackpen
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
Ravi Betulwala
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
Phool gufran
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
आंखें मेरी तो नम हो गई है
आंखें मेरी तो नम हो गई है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
सच तो हम सभी होते हैं।
सच तो हम सभी होते हैं।
Neeraj Agarwal
'लक्ष्य-1'
'लक्ष्य-1'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
Shubham Pandey (S P)
तमगा
तमगा
Bodhisatva kastooriya
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तबकी  बात  और है,
तबकी बात और है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वृद्धों को मिलता नहीं,
वृद्धों को मिलता नहीं,
sushil sarna
■ लघुकथा
■ लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
डर
डर
अखिलेश 'अखिल'
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
एक पल में ये अशोक बन जाता है
एक पल में ये अशोक बन जाता है
ruby kumari
*अच्छी आदत रोज की*
*अच्छी आदत रोज की*
Dushyant Kumar
*****देव प्रबोधिनी*****
*****देव प्रबोधिनी*****
Kavita Chouhan
23/117.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/117.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
जाग री सखि
जाग री सखि
Arti Bhadauria
कार्यक्रम का लेट होना ( हास्य-व्यंग्य)
कार्यक्रम का लेट होना ( हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Preparation is
Preparation is
Dhriti Mishra
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बहुत कुछ बोल सकता हु,
बहुत कुछ बोल सकता हु,
Awneesh kumar
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
Loading...