Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

*अहम ब्रह्मास्मि*

शीर्षक —- अहम ब्रह्मास्मि
विधा —— छंद मुक्त अतुकांत काव्य
डॉ अरुण कुमार शास्त्री

एके साधे सब सधे ,
सब साधे सब जाएँ ।
अपने अपने इष्ट सभी के ,
काहे दुख तू पाएँ ?
क्या तेरा क्या मेरा जग में ?
कुछ भी साथ न जाए ।
रुपया पैसा जमीन जायदाद ,
सभी यहीं रह जाये रे बबुआ ।
सभी यहीं रह जाए ।
जैसी करनी वैसी भरनी ।
ये जग माया जाल की गठरी ,
फिर काहे पछताए ?
राम नाम को मन धारण कर ,
सीधा सरल उपाय रे बबुआ ।
सीधा सरल उपाय ।
पूजा करना स्वाभाविक गुण ,
पूजा कर्म मनुज की थाती ।
पूजा करने से जीवन में ,
सुख शांति समृद्धि आती ।
केवल यही उपाय रे बबुआ ,
केवल यही उपाय ।
अपने अपने इष्ट, सभी के ,
काहे दुख तू पाए ?
तन के जोगी मन के रोगी ,
चिन्ता चित में व्याप्त ।
लोक लाज को छोड़कर, करें
व्यसन क्यों आज ?
ईश कृपा तो चाहिए भज मन तू भगवान ।
बुरे संग तू त्याग दे , ले सत्संग का साथ ।

Language: Hindi
1 Like · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
Rj Anand Prajapati
When feelings are pure and the heart is true, even God is fo
When feelings are pure and the heart is true, even God is fo
पूर्वार्थ
New88.co.uk là đại lý chính thức của nhà cái new88. Trang we
New88.co.uk là đại lý chính thức của nhà cái new88. Trang we
new88couk
"शान्ति-पथ"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,
ओसमणी साहू 'ओश'
3225.*पूर्णिका*
3225.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
मैं साधना उसकी करूं, जो साधता संसार है,
मैं साधना उसकी करूं, जो साधता संसार है,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
Ravi Prakash
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
*जुदाई न मिले किसी को*
*जुदाई न मिले किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आकलन
आकलन
Mahender Singh
In the midst of a snowstorm of desirous affection,
In the midst of a snowstorm of desirous affection,
Chaahat
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
डॉ.सीमा अग्रवाल
മോഹം
മോഹം
Heera S
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी हैं तीर की तरह,
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी हैं तीर की तरह,
Shubham Pandey (S P)
अभी कहाँ विश्रांति, कार्य हैं बहुत अधूरा।
अभी कहाँ विश्रांति, कार्य हैं बहुत अधूरा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
manjula chauhan
मई दिवस
मई दिवस
Neeraj Agarwal
रिश्ते प्यार के
रिश्ते प्यार के
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
Dr Archana Gupta
ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...