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10 Oct 2016 · 1 min read

अहम की पोटली

सुनो
अहम की जो पोटली है तुम्हारे पास
फिरते हो जिसे लिये दिन रात
आज उसे खोल दो
ढूंढो कुछ एहसास होगें दबे इसमे
मिल जाये कुछ शब्द भी शायद
बटोर लो आज उनको
एक भाव भी होगा
बहुत नीचे दबा हुआ
आज सबको देखते है दुबारा
अहम की गांठ जो तुम लगाते हो
इनका दम घुटता है उसके नीचे
इन सबका आज इस्तेमाल करो
चलो कुछ बात करो

Language: Hindi
647 Views

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