Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2023 · 1 min read

“अहमियत”

“अहमियत”
पास रहकर
समझ में न आने वाली
चीज का नाम ही
‘अहमियत’ है।

6 Likes · 4 Comments · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
उम्र ढली  तो ही जाना, महत्व  जोबन का।
उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"रोशनी की जिद"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर पुरुष नारी में अपनी प्रेमिका न ढूंढे और उसके शरीर की चाह
अगर पुरुष नारी में अपनी प्रेमिका न ढूंढे और उसके शरीर की चाह
Ranjeet kumar patre
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
Ashwini sharma
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
Radheshyam Khatik
कर्म हमारे ऐसे हो
कर्म हमारे ऐसे हो
Sonam Puneet Dubey
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
..
..
*प्रणय*
न काज़ल की थी.......
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
Taj Mohammad
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
Shweta Soni
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
मन नहीं होता
मन नहीं होता
Surinder blackpen
यादगार बनाएं
यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
आज कल !!
आज कल !!
Niharika Verma
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
*नेत्रदान-संकल्पपत्र कार्य 2022*
*नेत्रदान-संकल्पपत्र कार्य 2022*
Ravi Prakash
कान्हा भक्ति गीत
कान्हा भक्ति गीत
Kanchan Khanna
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
शेखर सिंह
It is what it is
It is what it is
पूर्वार्थ
बेटी का बाप हूँ न
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
3903.💐 *पूर्णिका* 💐
3903.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
निश्चित जो संसार में,
निश्चित जो संसार में,
sushil sarna
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
Loading...