Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

अस्तित्व

शीर्षक- अस्तित्व

खो गई हूँ,
कहीं वक़्त के गर्त में,
है क्या अस्तित्व मेरा,
कहाँ थी जड़े मेरी,
कहाँ तरु पनपा है।
मैं – मैं नहीं हूँ,
कौन हूँ मैं, कहाँ हूँ मैं।
बंध गई हूँ,
कितने ही सिरों से,
क्यों खोल नही पाती,
मैं सारी गांठें।
कहाँ ढूंढू मैं खुद को,
किस ओर है राह मेरी।
क्या नारी होना अभिशाप है?
अगर नहीं तो,
क्यों अस्तित्व खोया है मेरा?
ढूंढ लूं उस क्षण को,
जब,
टुकडों टुकडों में,
बंटना शुरू हुई थी।
शायद पा जांऊ कहीं खुद को,
और बुन लूं फिर से,
कल के स्वप्न।।।

– शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच, उ०प्र० )

Language: Hindi
3 Likes · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shalini Mishra Tiwari
View all
You may also like:
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
मुकद्दर से ज्यादा
मुकद्दर से ज्यादा
rajesh Purohit
■ एक ही उपाय ..
■ एक ही उपाय ..
*प्रणय प्रभात*
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
"कौआ"
Dr. Kishan tandon kranti
शहर
शहर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
If you can't defeat your psyche,
If you can't defeat your psyche,
Satees Gond
होते फलित यदि शाप प्यारे
होते फलित यदि शाप प्यारे
Suryakant Dwivedi
प्यार ~ व्यापार
प्यार ~ व्यापार
The_dk_poetry
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
तनावमुक्त
तनावमुक्त
Kanchan Khanna
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
प्रेम की परिभाषा क्या है
प्रेम की परिभाषा क्या है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं पीपल का पेड़
मैं पीपल का पेड़
VINOD CHAUHAN
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
*नुक्कड़ की चाय*
*नुक्कड़ की चाय*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*हैप्पी बर्थडे रिया (कुंडलिया)*
*हैप्पी बर्थडे रिया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
थक गये चौकीदार
थक गये चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
प्यार और नफ़रत
प्यार और नफ़रत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समय की धारा रोके ना रुकती,
समय की धारा रोके ना रुकती,
Neerja Sharma
زندگی تجھ
زندگی تجھ
Dr fauzia Naseem shad
2799. *पूर्णिका*
2799. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...