अस्तित्व की पहचान
लेखिका नहीं हूँ मैं
जो लिखूँ कहानी या लेख में
अपने मन की बात
कवियत्री भी नहीं हूँ मैं
जो कविता या गीत के माध्यम से
प्रस्तुत करूँ आस-पास के हालात
मैं तो एक आम सी लडकी हूँ
जिसे आम से शब्दों में
कहनी है अपनी बात
जीना है इस विश्वास के साथ
कि-
मैं जो इस दुनिया की
आधी आबादी का मात्र
एक बिंदु भर हूँ
वही बिंदु चाहता है
अपने अस्तित्व की पहचान
अपने हिस्से का खुला आसमान
अपने पंख, अपनी उडान
और इसके लिए नहीं करना
मुझे कोई समझौता
न अभी, न कभी।
रचनाकार:- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।
दिनांक – २१.०८.२०१६.