अश्लील गाने
अश्लील गानों का अब ऐसा दौर आया है,
पर्व आयोजनों में यह प्रमुखता से छाया है।
घर की औरतें पुरुषों संग ठुमके लगा रही,
मान मर्यादा इज्जत सब सामने लाया है।
जिन शब्दों को समाज कहता सुनना गुनाह,
ऐसे अशिष्ठ वाक्यों ने चौराहे धूम मचाया है।
शायद खूब पसंद उनकी माँ बहनों को यह,
जिसने चुन-2 ऐसे अश्लील गाने बनाया है।
जरा लिखने वाले की कलाकारी तो देखिए,
बहु बेटियों को भी अर्द्ध वस्र ही नचाया है।
धोती कुर्ता पगड़ी पहने बाबूजी कहने लगे,
सनातनी मर्यादा पर राहू ने ग्रह लगाया है।
प्रबलता ऐसी छाई है इन गानों का जग में,
प्रभु भजन में भी इनका ही प्रभाव पाया है।
मूर्ति विसर्जन समय इन गानों को सुनकर,
शर्म से सर झुका सभ्य समाज शर्माया है।
नई उम्र बच्चे इसकी मदकता में बहक रहे,
इन गानों का सुमार दिल पर जो छाया है।
संस्कारों के बूते ही भारत पूजा जाता था,
विश्वगुरु इस देश में इसने कलंक लगाया है।
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अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.