अवला
में एक दुख भरी दुख दुहिता हूं
कष्टो में जीवन बीता हूं। ।
हर बात हर कथन हमारा
गुजरता जीवन दुख में सारा।।
में एक सीधी साधी हूं
पर सबके मन में एक नारी हूं। ।
पग पग पथ पे मेरा चले
पर पथ पर कदम न हिले।।
हर कष्ट मै शिथिल रहूॅ
पर किसी पर पग न धरू।।
जग में एक ऐसा नाता है
मानो कष्टो को हममे ही बाटा है।।
हर क्षण मेरा कल में डूबा
पायूगी कभी न इसको झुठला। ।
भेजा क्या ईश्वर आपने मुझको
यहाॅ के कष्टो को समेटने।।
हर क्षण में दुख पाऊ
सुख का अनुभव न कर पाऊ।।
पर अपना कष्ट हमें न भारी
दुख सुख में ही दुनिया सारी।।
पर सकोंच हमें न भारी
परहित में मेरी जीवन डोरे सारी।।
पर हर पग पर नारा
परहित में ही जीवन सारा।।
धन्य धन्य करू हे ईश तुम्हारा
कष्ट लिया सौभाग्य हमारा।।
धन्य धन्य हे ईश तुम्हारा।