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7 Mar 2020 · 1 min read

” वो कल था “

ना जाना उस गली जिसका पता ना पता था ,
लेकिन हम तो वो परिंदे थे जिसका ठिकाना ही ना था ।

ना पड़ना प्यार में क्योंकि दर्द गहरा था ,
लेकिन हम तो वहीं जा गिरे दर्द का कुआं था ।

ना उफ़ कर जिंदगी पर ऊपर वाला भी हर जाहां था ,
लेकिन हम तो रात भर भी भटके दिन कहां था ।

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️

3 Likes · 1 Comment · 220 Views
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