” वो कल था “
ना जाना उस गली जिसका पता ना पता था ,
लेकिन हम तो वो परिंदे थे जिसका ठिकाना ही ना था ।
ना पड़ना प्यार में क्योंकि दर्द गहरा था ,
लेकिन हम तो वहीं जा गिरे दर्द का कुआं था ।
ना उफ़ कर जिंदगी पर ऊपर वाला भी हर जाहां था ,
लेकिन हम तो रात भर भी भटके दिन कहां था ।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️