अलसाई हूँ
अलसाई उमंगित मस्ती छाई हूँ
चित्रकार तूलिका से सजायी हूँ
हर रेख से उभरता है सौन्दर्य
जिसके हर रंग में तैरता कौमार्य
अलसाई उमंगित मस्ती छाई हूँ
चित्रकार तूलिका से सजायी हूँ
हर रेख से उभरता है सौन्दर्य
जिसके हर रंग में तैरता कौमार्य