Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2021 · 1 min read

*”अलविदा 2020 “*

“अलविदा दो हजार बीस”
अलविदा बीता हुआ साल दो हजार बीस ,
कोरोना महामारी ने दे गया हॄदय में टीस।

उथल पुथल उतार चढ़ाव, जीवन में कोहराम मच गया।
कुदरत ने भी कहर बरपाया ,सबको सबक सीखा गया।

बीते साल की यादें कभी ना भूले ,विपदा संकट की घड़ी दुखदाई।
कोरोना ने तबाही मचाई ,न कहीं जा सके न किसी को बुलाये ये कैसी बेवफाई।

व्यथित उदासी भरी है जीवन में ,अब तो जाओ अलविदा दो हजार बीस।
विपदाओं से घिरा ये साल ,अब आयेगा नव वर्ष दो हजार इक्कीस।

संक्रमित बीमारी से दूरियां बनाकर, सबका बुरा हुआ है हाल।
अपने से ही अपनों को छीन लिया, जुदा कर बिछुड़ कर बेहाल।

धैर्य संयम रखते हुए फिर भी,हिम्मत नहीं है हारी
घर में पूजन प्रार्थनाएं ,उम्मीद का दीप प्रभु तेरी माया है बलिहारी।
जड़ी बूटियां हल्दी तुलसी, आरोग्य अमृत धारा।
संघर्षो से जूझते हुए ,कलयुग में प्रभु नाम है जीव आधारा।

अलविदा कर रहे हम सभी ,साल दो हजार बीस।
जाते जाते ओ सुन चेहरों पे खुशियां दे जाना, अब आने को दो हजार इक्कीस।

विपदाओं संकटों कठिन परिस्थितियों, बीत गया ये साल।
सारी दुनिया हैरान परेशान हो, मानव घर में कैद हुआ सबका बुरा हाल।

भूली बिसरी यादें खट्टे मीठे कड़वे अनुभवों की कहानी।
सुख दुःख भरी दास्तां सुनकर ,उन पलों की कहते जुबानी।

हे प्रभु अब तो संकट कष्टों से उबारो, नई शक्ति का ऊर्जा का संचार करा दो।
नव वर्ष नई आशाएं संकल्प शक्ति से ,झूम उठे संसार खुशियाँ लौटा दो।

शशिकला व्यास✍️

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 399 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Whenever My Heart finds Solitude
Whenever My Heart finds Solitude
कुमार
माँ-बाप
माँ-बाप
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
सब ठीक है
सब ठीक है
पूर्वार्थ
एक पल सुकुन की गहराई
एक पल सुकुन की गहराई
Pratibha Pandey
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपभ्रंश-अवहट्ट से,
अपभ्रंश-अवहट्ट से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अभी-अभी
अभी-अभी
*Author प्रणय प्रभात*
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वृक्ष बन जाओगे
वृक्ष बन जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
ऐलान कर दिया....
ऐलान कर दिया....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
निकलती हैं तदबीरें
निकलती हैं तदबीरें
Dr fauzia Naseem shad
'समय की सीख'
'समय की सीख'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जीत कहां ऐसे मिलती है।
जीत कहां ऐसे मिलती है।
नेताम आर सी
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
Ram Krishan Rastogi
करीब हो तुम किसी के भी,
करीब हो तुम किसी के भी,
manjula chauhan
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
"सुधार"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कराहटों के पीछे
मुस्कराहटों के पीछे
Surinder blackpen
इंसानियत
इंसानियत
Neeraj Agarwal
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
धरा कठोर भले हो कितनी,
धरा कठोर भले हो कितनी,
Satish Srijan
आगाज़-ए-नववर्ष
आगाज़-ए-नववर्ष
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...