अलविदा कैसे कहूँ पापा
शीर्षक:अलविदा कैसे कहूँ पापा
कैसे कह दूं आपको अलविदा
मेरे जिस्म में प्राण तो आप ही हैं
आपकी यादों के बादल मेरे भीतर
घुमड़-घुमड़ बरसते हैं तो आप ही बताओ
कैसे कह दूं आपको मैं अलविदा
आँखे बरसती हैं मेरी,याद में
बरसात के पानी सी,झरती रहती हैं रात दिन
यादो की मार जब पड़ती हैं रोक नही पाती मैं स्वयं को
ओलो की पछाड़ सी पड़ती हैं यादो की तो आप बताओ
कैसे कह दूं आपको मैं अलविदा
यादो में आपकी खुशबू महुआ सी बसी हैं मुझमे
मधुर मधुर सुहानी सी बैठी हैं घर करके
हवा के साथ महक का बहाव मेरे भीतर
मैं महकती हूँ आपसे ही आपमे भी तो आप ही बताओ
कैसे कह दूं आपको मैं अलविदा
आपके साथ बिताए पल न चाहते हुए भी
आ जाते हैं मेरे प्रतिदिन की प्रकिर्या में
समझ जाते हैं सभी आपका व मेरा प्रेम
जो झलकता हैं मुझमे न जाने क्यों
गहरे तक समाए हो आप मेरे जहन में तो आप बताओ
कैसे कह दूं आपको मैं अलविदा
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद