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2 Jul 2021 · 1 min read

कायनात लिख लिए हैं

कोई किसी को किसी की कायनात लिख लिए हैं
मोन ने भी मौन के शब्द भी पढ़ लिए है
साहेब खयालों से कह दो जरा ख्वाबों में
आकर श्रृंगार करना कर दे बंद
सांसो ने सांसो की सरगम पहिचानी है
साहेब कदमों को रोक लेंं जरा
क्योंकि यहां हर किसी की अलग कहानी है
हम इकाई और आप दहाई
इस दुनिया के दस्तूर अलग कहीं हो न जाए रुसवाई

रचनाकार मंगला केवट होशंगाबाद मध्य प्रदेश

Language: Hindi
570 Views
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