Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2021 · 1 min read

अर्धनारीश्वर

संगम

अलौकिक शक्ति शक्तिमान
अर्धनारीश्वर रूप में विधमान

अद्भुत अनूप अनूठा हे रूप
समस्त जगत है जो जो भूप

अवनि से अम्बर को बांधता
जड़ चेतन का संगम दिखता

मोहनी जिसकी सोहै आपार
वही हम सबका पालनहार

कान्हा की शक्ति है जो राधे
राधा के बिन है कान्हा आधे

नर नारी में है शक्ति शक्तिमान
जो जागृत करते अभिमान

एक बाँधे समूचे संसार को
दूसरा है स्रोत आहार विहार

साँसो का कहलाता है दाता
श्वास से चर अचर संगम भाता

Language: Hindi
78 Likes · 2 Comments · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
नदी की बूंद
नदी की बूंद
Sanjay ' शून्य'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
■ शर्मनाक प्रपंच...
■ शर्मनाक प्रपंच...
*Author प्रणय प्रभात*
There's nothing wrong with giving up on trying to find the a
There's nothing wrong with giving up on trying to find the a
पूर्वार्थ
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
Soniya Goswami
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Rajni kapoor
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन
जीवन
Monika Verma
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
सत्य साधना
सत्य साधना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गर कभी आओ मेरे घर....
गर कभी आओ मेरे घर....
Santosh Soni
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किसी का यकीन
किसी का यकीन
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
बुद्ध जग में पार लगा दो ।
बुद्ध जग में पार लगा दो ।
Buddha Prakash
दुख तब नहीं लगता
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
जीवनामृत
जीवनामृत
Shyam Sundar Subramanian
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
लक्ष्मी सिंह
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...