अर्जन सुन्दर सीख का
कुंडलिया छंद…
अर्जन सुन्दर सीख का, निर्मित सुचि व्यक्तित्व।
सद्गुण से मानव सुखी, जीवित युग अस्तित्व।।
जीवित युग अस्तित्व, क्षीण दुर्गुण से काया।
करती अपनी ओर, जीव आकर्षित माया।।
होता दुष्कर कार्य, लोभ का करना वर्जन।
‘राही’ सुन्दर सीख, मिले कर लेना अर्जन।।
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)