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20 Sep 2016 · 1 min read

अरमान दिल में बहुत थे/मंदीप

अरमान दिल में बहुत थे मगर वो समझी नही,
आँखों से गिरे थे आँसु वो उन आँसुओ को समझी नही।

उस ने आँखो से आँखे मिला तो ली,
पर मेरी लाल हुई आँखो को वो समझी नही।

इस कदर टुटा था दिल मेरा,
टूटे हुए दिल की आवाज को वो समझी ही नही।

बढ़ाया था हाथ उस की तरफ प्यार से,
पर वो मेरे हाथ के इशारे को समझी ही नही।

हम खाते रहे उस की चाहत में कसमे,
पर वो मेरी कसमो को कभी समझी ही नही।

दिल लगा बैठा मेरा दिल उसके दिल के साथ,
पर वो मेरे दिल को कभी समझी ही नही।

उसकी याद में रो कर बन गया बुरा हाल,
वो मेरे इस हाल को कभी समझी ही नही।

कर दिया”मंदीप” ने सब कुछ कुर्बान उस की हसरत में,
फिर भी वो पगली मेरे प्यार को समझी ही नही।

मंदीपसाई

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