Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2022 · 2 min read

अरण्य की रक्षा,मानव की परीक्षा

कोयले के लिए लाखों पेड़ों को मौत की नींद सुला रहे हो
अरण्य के जंगल को अपनी आरी और कुल्हाड़ी से डरा रहे हो
विकास की राह में पर्यावरण की ही जीवित बलि चढ़ा रहे हो
छ.ग.के फेफड़े को ऑक्सीजन सिलेंडर का मास्क पहना रहे हो
मैंने सही सुना है बुजुर्गों से लोग पैर पर कुल्हाड़ी मारते हैं
और तुम तो सीधे ही सीने पर बेरहम कुल्हाड़ी चला रहे हो

नेक नीयत की सरकारें जब इतने सुनहरे ख्वाब आंखों को दिखाती है
ऐसी संकट की घड़ी में आदिवासियों की आंखों में नींद कहां आती है
निजी कंपनियां इन आदिवासी बाहुल इलाकों पर अपनी गिद्ध नज़र गड़ाती है
राजस्थान के लिए बिजली आपूर्ति की समस्या जहां सूरसा सा मुंह फैलाती है
वहीं बिजली के लिए कोयला और कोयले के लिए पेड़ कटाई का गणित बैठाती है
समस्या अत्यंत गंभीर है जो सरकारों की कार्यशैली पर प्रतिपल यक्ष प्रश्न उठाती है

प्रकृति के प्रणेता प्रकृति के लिए प्राणघातक प्रतिनायक वाला प्रतिमान दिखा रहे हो
पानी नहीं होगा हवा नहीं होगी सोचो तुम मौत को कितने करीब से आजमा रहे हो

सरकारों के चुभते फैसले वहां रहने वालों के दिलों को बहुत आहत पहुंचाती है
सुरक्षित रहेगा”जल, जंगल और ज़मीन”के वादों से जनता जब जबरदस्त धोखा खाती है
“मत छीनो हमारा अधिकार”के नारों से संकट की काली घनघोर घटा छाती है
“अरण्य में प्रवेश वर्जित है”की सूचना आदिवासियों को दिन रात सताती है
सरकारें गूंगी, बहरी,अंधी, लंगड़ी और विकलांग नहीं दिव्यांग है यही बात बताती है
दो लाख पेड़ों के कटाई की भरपाई वाली बात न्यायालय की समझ से भी परे हो जाती है

हे स्वार्थसिद्धि हस्त ! संसाधन के लोभ में सारा का सारा पारिस्थितिक तंत्र ही हिला रहे हो
अपनी सांसों का सौदा कोयला सौदागरों के हाथों में करके मुस्कुरा रहे हो

अजी लाखों घरों को विस्थापन की समस्या खून के आंसू रोज रुलाती है
जंगल से जीवन यापन होता था किसी का आज ये कहानी मां बच्चे को सुनाती है
धरना, हड़ताल, प्रदर्शन, आंदोलन,पद यात्रा, रैली ये सब सरकारों को परेशान कराती है
जब सरकारें ही रक्षक से भक्षक बने तो खुदा जाने कौन सी बला जान बचाती है
कुछ लोगों के लिए अरण्य केवल कोयला है और बहुत लोगों के लिए अरण्य जीवन का साथ निभाती है
“आदित्य”लिख तो रहा है अरण्य की कहानी जो कविता बनकर समस्या की लौ जलाती है

मेरी कविता क्या तुम स्वप्न में डूबे निश्चेतन पथभ्रष्ट सरकारों को जगा रहे हो
हे सजग कृतिकार! क्या तुम प्रशासन को न्यायसंगत सद्मार्ग पर खींचकर ला रहे हो

पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन की अलख से ओतप्रोत
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर,छ.ग.

Language: Hindi
1 Like · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
गुरु-पूर्णिमा पर...!!
गुरु-पूर्णिमा पर...!!
Kanchan Khanna
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"विकृति"
Dr. Kishan tandon kranti
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
Rj Anand Prajapati
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
अरे योगी तूने क्या किया ?
अरे योगी तूने क्या किया ?
Mukta Rashmi
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
Shweta Soni
नशा त्याग दो
नशा त्याग दो
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
में बेरोजगारी पर स्वार
में बेरोजगारी पर स्वार
भरत कुमार सोलंकी
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
** समय कीमती **
** समय कीमती **
surenderpal vaidya
ग़ज़ल (ज़िंदगी)
ग़ज़ल (ज़िंदगी)
डॉक्टर रागिनी
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
अकेले आए हैं ,
अकेले आए हैं ,
Shutisha Rajput
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
कवि दीपक बवेजा
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
मैं तो महज इतिहास हूँ
मैं तो महज इतिहास हूँ
VINOD CHAUHAN
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
Loading...