अम्मा
वो भोला सा चेहरा वो प्यारी सी अम्मा
बहुत याद आती तुम्हारी है अम्मा
तुम्हारा वो मुझको सुबह में जगाना
जगाकर मुझे प्यार से मुंह धुलाना
मेरी जिद पे मुझको वो गोदी चढ़ाना
वो नखरे उठाना गले से लगाना
बड़े प्यार से लेना गालों पे चुम्मा
बहुत याद आती तुम्हारी है अम्मा
हाँथो से मुझको वो खाना खिलाना
नजर ना लगे काला टीका लगाना
मेरी चोट पर खुद के आँसू बहाना
पल्लू में अपने मुझे फिर छुपाना
तुम्ही ने दिया था मुझे नाम मुन्ना
बहुत याद आती तुम्हारी है अम्मा
मुझे मेरी गलती पे वो टोका टाकी
छुपाके मुझे देना धीरे से टाफी
बापू के गुस्से से मुझको बचाना
बस्ते मे मेरे सजाना वो कापी
गुस्से मे भी तेरे था प्यार अम्मा
बहुत याद आती तुम्हारी है अम्मा
हिस्से की अपनी मिठाई खिलाना
सोने को मेरे वो लोरी सुनाना
खाने मे जब भी करूं आनाकानी
थप्पड़ दिखाके वो खाना खिलाना
झलक को तुमारी तरसता हूँ अम्मा
बहुत याद आती तुम्हारी है अम्मा