अम्बे तेरा दर्शन
अम्बे तेरा दर्शन दुर्लभ दौलत
अम्बे तेरा मुखड़ा हरता दुखड़ा।।
अम्बे तेरे आशीष का है संसार
अम्बे तेरे रूप हाथ हजार।।
अम्बे तू ही दुःखियों की साहरा
अम्बे तू ही करती बेड़ा पार।।
अम्बे तेरी भक्ति में ही शक्ति
अम्बे तू ही कृपाल और दयाल।।
अम्बे तू ही करुणा की है सागर
अम्बे तू ही है दीन और दयाल।।
अम्बे तू ही जीवन का आधार
अम्बे तेरी भक्ति भाग्य सैभाग्य।।
अम्बे तू ही जननी पालन हार
अम्बे तू ही दुष्टो का संघार।।
अम्बे तू ही नारी की है शक्ति
अम्बे तू ही सृष्टि और संसार।।
अम्बे तू ही भक्तों की है भक्ति
अम्बे तू ही अवनि और आकाश।।
अम्बे तू ही नदियां और सागर
अम्बे तू ही वायु और तूफान।।
अम्बे तू ही शुख शांति की लक्षमी
अम्बे तू ही ममता और दुलार।।
अम्बे हम तो बालक है नादान
अम्बे हम गाते तेरा गुण गान।।
अम्बे तू ही क्षमा की है सागर
अम्बे क्षमा कर बालक का जो भी हो अपराध।।
नांदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर