अमृत महोत्सव
वर्ष पिछत्तर हो गए हैं पूरे, हमारे भारत को आजाद हुए।
आजादी का जश्न मनाने ही, हम सब हैं यहां खड़े हुए।।
आजादी का अमृत महोत्सव,हम सब ही मिलकर मना रहे हैं।
हर घर में फहरेगा तिरंगा,ये संदेश भी सबको सुना रहे हैं।।
मेरे देश के युवक खड़े सामने,इन सबको यही बताना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में,तुमको यही तिरंगा लहराना है।।
लेते हैं हम कसम ये मिलकर,हम अपने देश का मान बढ़ाएंगे।
एकता का यह संदेश तिरंगा,घर घर में हम पहुंचाएंगे।।
सर्वोपरि यह देश हमारा,हर स्वतंत्रता दिवस पर हमने जाना है।
हमें इसका मान बढ़ाना है,इसकी खातिर कुछ भी कर जाना है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी