“अमृत और विष”
“अमृत और विष”
यहाँ सारा खेल तो
जुबान और मोहब्बत का है
जिसमें मधुरता अमृत है,
सख्त, बेरुखी और कठोरता
नामक रसायन ही
दुनिया में महा-विष है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“अमृत और विष”
यहाँ सारा खेल तो
जुबान और मोहब्बत का है
जिसमें मधुरता अमृत है,
सख्त, बेरुखी और कठोरता
नामक रसायन ही
दुनिया में महा-विष है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति