अमृतकाल
ये स्वतंत्रत अमृतकाल
पुण्य धरा भारत को
प्रदान कर रहे हैं महाकाल
उपहार है हर भारतीय को
अब निश्चय करले हर मन
राष्ट्र की सेवा में अर्पित तन मन
नए संकल्प का उत्साह लेकर
प्रगति पथ पर जुट जाए जन जन
यह राष्ट्र अजेय अविनाशी है
जिसके संस्कृति में काशी
गंगा का अमृत जल जिसका
निवासी जिसका भारतवासी है