अमर शहीदों के जज्बे को बारंबार प्रणाम है
अमर शहीदों के जज्बे को बारंबार प्रणाम है
मातृभूमि की सेवा में जिन किए न्योछावर प्राण है
ढेर यातना सही सीने पर गोली खाई
छोड़ा नहीं तिरंगा फिर भी चाहे जान गवाई
एक सदी तक लड़ते-लड़ते आजादी दिलवाई
जान से प्यारी आजादी को हम महफूज रखेंगे
हर अन्याय आतंकवाद से मिलकर सभी लड़ेंगे
बांटो मत अब जाति धर्म पर अब हम नहीं बंटेगे
भारत माता की सेवा में हम बलिदान करेंगे
जब तक है आतंक धरा पर आजादी अभी अधूरी है
कश्मीर में शांति लाने क्रांति एक जरूरी है
पीओके के बिना कश्मीर अधूरी है
बहुत सहा अब नहीं सहेंगे, आतंक का समन जरूरी है
अलख नई आजादी का दुनिया में हमें जगाना है
भारत मां का कर्ज है हम पर मिलकर इसे चुकाना है
अन्याय आतंक मुक्त अब सारी धरा बनाना है
सपना हर भारतवासी का सुखमय संसार बनाना है
वसुधैव कुटुंबकम का परचम दुनिया में लहराना है