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28 Mar 2023 · 1 min read

*अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक【मुक्तक 】*

अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक【मुक्तक 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
खजाना शुक्रिया सेहत का, जो हमको मिला मालिक
हमें जो चाहिए वह सब, हमें देते दिला मालिक
खुशी से अपने घर पर, खा रहे दोनों समय खाना
अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक
—————————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451

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