Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

अभिव्यक्ति की आज़ादी

त्वरित कलम घिसाई

तुम्हे फ़िल्म बनाना आता है।
हमे हाथ चलाना आता है।
इसमें अलग कोई बात नही ।
सबको समझाना आता है।
हुनर अपना अपना है जी।
बात यह सीधी सादी है।
तुमको हमको सबको ही
अभिव्यक्ति की आजादी है।
तुमको जो आता है हुनर,
उस हुनर को चुनते हो।
हम भी चुनते हुनर हमारा
फिर काहे को सर धुनते हो।
तुम्हे बाप का नाम पता नही
सिर्फ मैया का नाम पता।
इसिलिय तो नाम बाप का
तुम्हारे नाम से लापता।
संजय जो भी लीला तुमको
दिखलानी हो दिखला दो।
हमारा नाटक भी देखो फिर
क्या अंतर है सिखला दो।
छेड़छाड़ करोगे तुम जो
वीरो के इतिहासों से।
भूगोल बदल देंगे हम
सुनो तुम्हारी सांसो से।
शिशुपाल सी आदत हो गई
सो फ़िल्म पर फ़िल्म बनाते हो।
सहनशीलता वाले कृष्ण को
जो फिजूल उकसाते हो।
चक्र सुदर्शन वाला फल भी
शायद तुम तो भूल गए।
अपनी झूंठी शोहरत में
फंसकर गुरुर में झूल गए।
आस्थाओं के दुश्मन वाले
कानून का लाभ उठाते हो।
इसिलिय अपनी फिल्मो में
आस्थाओ का खून कराते हो।
तो सुन लो अब कान खोलकर
बात यह बिल्कुल सादी है।
कायर और डरपोक नही है।
हमको अभिव्यक्ति की आज़ादी है।

*****मधु गौतम

Language: Hindi
493 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
प्रभु -कृपा
प्रभु -कृपा
Dr. Upasana Pandey
रमेशराज के नवगीत
रमेशराज के नवगीत
कवि रमेशराज
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
Mahima shukla
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
* छलक रहा घट *
* छलक रहा घट *
surenderpal vaidya
उहे समय बा ।
उहे समय बा ।
Otteri Selvakumar
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
" गुरुर "
Dr. Kishan tandon kranti
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
सुनीलानंद महंत
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
आर.एस. 'प्रीतम'
'एक शहादत ये भी’
'एक शहादत ये भी’
Kshma Urmila
मिथिला बनाम तिरहुत।
मिथिला बनाम तिरहुत।
Acharya Rama Nand Mandal
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
Rituraj shivem verma
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
Thoughts are not
Thoughts are not
DrLakshman Jha Parimal
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
Ravikesh Jha
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
दर जो आली-मकाम होता है
दर जो आली-मकाम होता है
Anis Shah
दर्द इन्सान को
दर्द इन्सान को
हिमांशु Kulshrestha
4362.*पूर्णिका*
4362.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
Loading...