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12 Aug 2023 · 2 min read

अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग – 06 Desert Fellow Rakesh Yadav

अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। यह शब्द एक व्यक्ति या समूह द्वारा विशेष उद्दीपन या उद्देश्य के साथ भाषा, शब्द, कला, संगीत, मीडिया, सामाजिक माध्यम, या किसी और ढंग से व्यक्त किया गया है, जो अनुचित, आधारहीन या कल्पना से भरा होता है। इसका मतलब है कि जब एक व्यक्ति या समूह इसका अधिक उपयोग करता है, तो इससे दूसरों को नुकसान होता है और यह समाज में बुरे प्रभाव को पैदा करता है।

अभिव्यक्ति का दुरुपयोग निम्नलिखित:

नकारात्मक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति: यह उन स्थितियों में होता है जब किसी व्यक्ति निकटता या परिपक्वता के लिए तैयार नहीं होता है और उनके असामंजस में आने पर वे अपनी असंतुष्टि या नाराजगी को गुस्से, अश्लील भाषा, या आक्रोश के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
दुर्भाष: शब्दों का उपयोग करके दूसरों को घातक या आपत्तिजनक रूप से ठेस पहुंचाने का यह तरीका है। यह बातचीत, सार्वजनिक भाषण, सोशल मीडिया पर टिप्पणियाँ, या किसी अन्य माध्यम के माध्यम से किया जाता है।
भ्रामक या असत्यापित जानकारी का प्रसारण: कई बार लोग गलत जानकारी या भ्रामक बातें फैलाते हैं जो व्यापक रूप से लोगों के विचार और विचारधारा पर प्रभाव डालती हैं। यह सामाजिक मीडिया, समाचार पत्र, टेलीविजन, या दूसरे माध्यमों के माध्यम से होता है।
अपराधिक अभिव्यक्ति: यह दुरूपयोग का सबसे आम रूप है, जब किसी व्यक्ति नकारात्मक या अवैध ढंग से अपराधों की प्रोत्साहना या प्रचार करता है, जिससे समाज को हानि पहुंचती है.
जानलेवा आपत्तिजनक भाषण: कई बार व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करके आपत्तिजनक, जानलेवा या द्वेषपूर्ण भाषण करता है, जो दूसरों को नुकसान पहुंचाता है और समाज में तनाव और संघर्ष का कारण बनता है.
अभिव्यक्ति की सीमाओं का उल्लंघन: कोई व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करके दूसरों के अधिकारों को उल्लंघित करता है, जैसे कि व्यक्तिगत गोपनीयता, गोदन या आदान-प्रदान के नियमों का उल्लंघन.

यह अभिव्यक्ति का दुरुपयोग सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करता है और व्यक्ति या समाज के मध्य विभाजन को बढ़ाता है |
आगे पढने के लिए हमारे ब्लॉग पर जाये ओर पढ़े
Desert Fellow – Rakesh Yadav
8251028291

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