अभिलाषा
जब भी मरूं,देश के लिए
मरूं,
ऐसा देना तुम मुझे वरदान।
मेरी मौत ऐसा देना ईश्वर,
हो जाऊँ देश के लिए कुर्बान।
आऊँ तिरंगे में लिपटकर,
धुन बज रहा हो,राष्ट्र गान।
अपनी मिट्टी का तिलक हो सर पर ,
आँचल हो धरती का परिधान।
सबके मुख से एक स्वर निकले
गर्व है तुम पर मेरे जवान।
~अनामिका