*** ” अभिनंदन : – नव वर्ष……..!!! ” ***
*** : नये बरस के , ऐ नूतन किरण नंदन ;
आज मेरा , तूझे है कोटि-कोटि अभिनंदन ।
नवीनता की नव प्रभा से ,
मेरे उर में नव राग जगा दे ।
तन उज्जवल हो , मन कोमल हो ;
ऐसे हर्ष-राग का , अप्रतिम-प्रकाश फैला दें ।
मेरे अंतर्मन से ,
तम-गम का , कुटील ओ राज भगा दे ।
तू हर ले मेरे , ओ हर दुःख के क्रंदन ;
जिसमें लिपटा है , मेरे आशाओं के प्रबंधन ।
और भाल में लगा दें ,
अक्षुण्ण सुख-तिलक चंदन ।
तूझे है आज , कोटि-कोटि अभिनंदन ;
नये बरस के ओ नूतन किरण नंदन…।
*** : मेरे पवित्र ” उर-भमि ” में ,
आशियाना के तरुवर वृक्ष लगा दे।
धमनी-शिरा के डाल-डाल पर ,
नसीहत और शाँति अमन के चमन खिला दे ।
मेरे रक्त के हर बूंद-बूंद में ,
स्नेह-सद्भाव के सरल गति बढ़ा दे ।
और……
मेरे मन-मंदिर के हृदय द्वार में ,
अनुपम प्यार के , अलौकिक ,
अतुल्य खुशबू फैला दे ।
नये बरस के ओ नूतन किरण नंदन ,
कोटि-कोटि है आज तूझे , मेरा अभिनंदन…।
*** : भूल जाऊँ मैं , बैर-द्वेश भाव को ;
ऐसे गंगा के नीर बहा दे ।
न हो आज किसी से , कोई गीले और शिकवे ;
ऐसे मेरे हृदय में , ओ संगम दिल बना दे ।
मेरे वाणी में हो , मधुर वचन ;
और हो प्रीत के गीत-संगीत सा चमन ।
सरगम हो ” मेल-मिलाप ” का ,
ऐसे ओ झरना के नीर बहा दे ।
नये बरस के ओ नूतन किरण नंदन ,
आज तूझे है कोटि-कोटि अभिनंदन…।
*** : तेरे किरण के आभा प्रसाद से ,
रहूँ हर रोज मैं गगन-मगन ।
और………,
चहूँ ओर हो तेरे अक्षय किरण में , अमिट प्रेम अगन ।
ऐसे ज्ञान के ओ ” चक्षु-दीप ” जला दे ,
जो ” समरसता-समता-एकता ” को ,
रोशन कर मंगलमय भावना अक्षुण्ण बना दे ।
तन-मन में ओ पावन समीर बहा दे ,
जो जग में…..
” सहिष्णुता और स्नेह भाव ” के , मीत बना दे ।
नये बरस के ओ नूतन किरण नंदन ….!
आज तूझे है , मेरा कोटि-कोटि अभिनंदन…..!!
आज तूझे है , मेरा कोटि-कोटि अभिनंदन…..!!
*********************∆∆∆******************
” नव वर्ष की मंगलमय कामना और हार्दिक शुभकामनाएँ……!! ”
* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छ. ग. )
०१ / ०१ / २०२१