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29 Aug 2024 · 1 min read

” अब “

” अब ”
अब जमीन की आस ना कर,
मन को अपना उदास ना कर।
जमाना बहुत बदल चुका अब,
पेड़ की छाँव की बात ना कर।

2 Likes · 2 Comments · 56 Views
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