Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2017 · 1 min read

अब हसीनोँ की गली मेँ आना-जाना छोड़ दो

प्यार के सौदागरोँ से दिल लगाना छोड़ दो
अब हसीनोँ की गली मेँ आना-जाना छोड़ दो

आज पहली बार मुझसे चाँदनी ने ये कहा
मेरे चंदा पर ग़ज़ल,कविता बनाना छोड़ दो

जिँदगी मेँ दु:ख के दिन कष्ट देते हैँ मगर
इसका मतलब ये नहीँ तुम मुस्कुराना छोड़ दो

जो तुम्हारी मान-मर्यादा मिला दे धूल मेँ
ऐसे लोगोँ को गले से अब लगाना छोड़ दो

एक दिन ये आग तेरा भी आशियाँ ना फूँक दे
इसलिए हम मुफलिसोँ का घर जलाना छोड़ दो

2 Likes · 2 Comments · 427 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
..
..
*प्रणय*
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
Monika Arora
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
"त्याग की देवी-कोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
Vindhya Prakash Mishra
4030.💐 *पूर्णिका* 💐
4030.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
शरणागति
शरणागति
Dr. Upasana Pandey
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
प्रकाश
The Sky...
The Sky...
Divakriti
चलते हुए मैंने जाना डगर में,
चलते हुए मैंने जाना डगर में,
हरीश पटेल ' हर'
"पनघट की गोरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हज़ल
हज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
गौरी सुत नंदन
गौरी सुत नंदन
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रात बसर कर ली रात रंगीन गुजरने की आस में,
रात बसर कर ली रात रंगीन गुजरने की आस में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
यादों के शहर में
यादों के शहर में
Madhu Shah
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
shabina. Naaz
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
पूर्वार्थ
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शोर है दिल में कई
शोर है दिल में कई
Mamta Rani
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
जब तक साँसें देह में,
जब तक साँसें देह में,
sushil sarna
❤️🖤🖤🖤❤
❤️🖤🖤🖤❤
शेखर सिंह
Loading...