अब साथ जीया जाए
ज़रूरी तो नहीं सबकुछ
कहकर ही बताया जाए
अपनों को हर कदम पर
यूं ही आज़माया जाए।।
होती है मजबूरी भी कभी
ये ज़रूरी तो नहीं हर बार
तुमसे मिलने आया जाए।।
आज मिलकर एक गीत
प्यार का अब गाया जाए
इस अकेली राह पर क्यों न
दो कदम तो साथ जाया जाए।।
है जो भी बातें मेरे दिल में
क्यों न आज तुमको भी
उनका अहसास कराया जाए।।
हूं मैं नया राही इस राह का
इसलिए थोड़ी राहत दी जाए
गलती जो भी है मेरी आज
उसको अब माफ़ किया जाए।।
होगा साथ हम दोनों का तो
आसान होगी ज़िंदगी की राह
क्यों न अब साथ जीया जाए।।
सपने हमारे एक हो जायेंगे
जो अब तू मेरे दिल में बस जाए
आओगे बसंत बनकर तुम तो
मेरे सूखे बाग में बहार आ जाए।।
तुम जानते नहीं क्या चीज़ हो तुम
जो मुझे मिल जाओ, मेरे दिल के
बाग में फूल प्यार के खिल जाए।।
हो जाए अब कुछ ऐसा जिससे
तुम्हारी रहमत मुझ पर हो जाए
और कुछ नहीं चाहिए मुझे अब
बस तुम्हारा प्यार मुझे मिल जाए।।
ज़िंदगी बन जायेगी हसीं ख्वाब
मिल जायेगी यहीं जन्नत मुझे
जो तू अब दिल से मेरी हो जाए।।